हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "सवाब अलअमाल" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
مَن رَوى عَلى مُؤمِنٍ رِوايَةً يُريدُ بِها شَيْنَهُ وَ هَدْمَ مُرُوَّتِهِ لِيَسقُطَ مِن أَعيُنِ النّاسِ، اَخَرَجَهُ اللّه ُ عَزَّوَجَلَّ مِن وِلايَتِهِ اِلى وِلايَةِ الشَّيطانِ
हज़रत इमाम जफार सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
जो आदमी किसी मोमिन के अएब और बुराई को ज़ाहिर करने की गरज़ से किसी चीज़ को नकल करें ताकि उसे लोगों की नज़रों से गिरा दे या उसे लोगों की नज़रों में हल्का और अयोग्य बना दे, अल्लाह तआला उसे अपनी दोस्ती से बाहर कर देगा और उसे शैतान कि दोस्ती में डाल देता हैं।
सवाब अलअमाल,पेज,547